New Delhi December 31, 2013: Following is the Hindi rendering of the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh’s address in Punjabi at the foundation stone laying ceremony of Homi Bhabha Cancer Hospital and Research Centre, at Mullanpur, Mohali, today:
“मुझे फिर से एक बार पंजाब आकर खुशी हो रही है। मेरा इस राज्य से काफी अर्से से निजी तौर पर जुड़ाव रहा है। मैं यहां हमेशा काफी उत्सुकता और खुशी से आता हूं। जब भी यहां आता हूं, मेरे ज़हन में याद ताज़ा हो आती है कि किस तरह इस राज्य ने और यहां के लोगों ने जीवन के हर क्षेत्र में भारत की प्रगति में अपना अहम योगदान दिया है। लगभग पचास साल पहले, पंजाब के मेहनतकश किसानों ने भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनने में मदद की थी। अब, यहां के उद्यमी और व्यापारी इस राज्य को नवीनता, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में अग्रणी बना रहे हैं।
आज, यहां मुल्लांपुर में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केन्द्र का शिलान्यास करते हुए मुझे बेहद खुशी हो रही है। इस अस्पताल को टाटा मैमोरियल सेन्टर द्वारा भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत तैयार किया जा रहा है। इसकी कुल लागत लगभग 450 करोड़ रुपए है। कैंसर के उपचार के लिए यहां लगभग 200 डॉक्टर और 500 नर्स एवं पैरा-मेडिकल स्टाफ तैनात किये जाएंगे। इस अस्पताल में हर साल कैंसर के लगभग 10,000 नए केस देखे जाएंगे और लगभग 40,000 पुराने केस के लिए उपचार के बाद की सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इस अस्पताल में अन्य प्रकार के उपचार, जिसमें रेडिएशन और कैमोथेरेपी शामिल हैं, के अलावा हर साल कैंसर-उपचार के तहत 2500 सर्जरी करने की सुविधा होगी।
मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि इस अस्पताल में गरीब मरीज़ों के इलाज की पर्याप्त सुविधा होगी। हम आशा करते हैं कि यह अस्पताल चार वर्ष में तैयार हो जाएगा। इस अस्पताल में कैंसर के इलाज और अनुसंधान के लिए भारत में मिलने वाली सर्वोत्तम सुविधाएं होंगी। इन सुविधाओं का फायदा न केवल पंजाब के सभी हिस्सों से आने वाले लोगों को मिलेगा, बल्कि पूरे उत्तर भारत से आने वाले मरीज़ों को भी मिलेगा।
मैं इस अस्पताल के लिए जरूरी ज़मीन उपलब्ध कराने के लिए पंजाब की राज्य सरकार और मुख्य मंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल जी का धन्यवाद करता हूं। मैं, यहां के संसद सदस्य श्री रवनीत सिंह बिट्टू का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने इस परियोजना में सक्रिय योगदान दिया है। मेरा मानना है कि एक सुपर-स्पेश्यलिटी कैंसर अस्पताल स्थापित करने के लिए चंडीगढ़ एक बेहतरीन जगह है। यहां हम ऐसे विश्व-स्तरीय oncologists, surgeons और वैज्ञानिकों को आकर्षित कर सकते हैं, जिनकी किसी अत्याधुनिक अनुसंधान और रेफरल सुविधा में बेहद जरूरत होती है। इस क्षेत्र में बेहतरीन संपर्क मार्ग होने के कारण, बाहर से आने वाले मरीज़ों को सुविधा होगी और इलाज के लिए मुंबई से जरूरी रेडियो आइसोटोप्स लाने में सुविधा रहेगी। सबसे अहम बात यह है कि यह अस्पताल अच्छे पोस्ट-ग्रेज्युएट मेडिकल इंस्टीच्यूट्स के नज़दीक है। इस कारण मरीज़ों के कैंसर के इलाज के दौरान उनके अन्य प्रकार के रोगों और थेरेपी के लिए उन पोस्ट-ग्रेज्युएट मेडिकल इंस्टीच्यूट्स की मदद भी ली जा सकेगी।
मुझे यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि हमारी सरकार संगरूर में भी कैंसर के उपचार की सुविधा मुहैया कराने जा रही है। परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन टाटा मेमोरियल सेंटर द्वारा ही यह कार्य किया जा रहा है। इस सिलसिले में, मैं, संगरूर के युवा सांसद श्री विजय इनदर सिंगला की कोशिशों की भी सराहना करना चाहूँगा।
हमारी सरकार पंजाब के लोगों को दुनिया की सबसे बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रही है। इसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए भारत सरकार भी चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की शाखा के रूप में संगरूर में सभी सुविधाओं वाला एक अस्पताल बनाने के लिए वचनबद्ध है। इस अस्पताल में बारह सुपर स्पेशलिटी सेंटर होंगे। जिनमें कैंसर के उपचार के लिए एक specialized सेंटर भी होगा। मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि संगरूर के इस एक अतिरिक्त अस्पताल में वे सभी बेहतरीन सुविधाएं होंगी जिन सुविधाओं की वजह से पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट पूरे क्षेत्र में मशहूर हुआ है।
हम यहां कैंसर पंजीकरण, अनुसंधान तथा उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने को इतनी अहमियत इसलिए दे रहे हैं क्योंकि पंजाब में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं और यहां उसके उपचार की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में कैंसर मौत का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। पूरी दुनिया में होने वाली मौतों में से लगभग 13 प्रतिशत मौतें कैंसर के कारण होती हैं और पूरी दुनिया में कैंसर के कारण होने वाली मौतों में से 70 प्रतिशत मौंतें विकासशील देशों में होती हैं। भारत में हर साल लगभग 11 लाख कैंसर के नए केस सामने आते हैं। हर साल लगभग नौ लाख मरीजों की मौत इस बीमारी के कारण होती है और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है।
हालांकि हम जो प्रयास कर रहे हैं उनसे शायद हम कैंसर को अथवा इससे होने वाली सभी मौतों को पूरी तरह न रोक सकें, मगर हमारी सरकार भारत में कैंसर की घटनाओं को नियंत्रित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत में कैंसर के हरेक मरीज़ को देश में ही बेहतर और काफी किफायती दरों पर कैंसर का इलाज मिल सके।
हमारी कोशिश है कि कैंसर के मरीज़ों को कैंसर की जांच, उसके उपचार तथा देखभाल की नवीनतम और अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हों। इससे कैंसर का इलाज और बेहतर तरीके से संभव हो सकेगा। हम कैंसर अनुसंधान और जनसंख्या आधारित कैंसर पंजीकरण के अपने प्रयासों में भी तेजी ला रहे हैं और उसका विस्तार कर रहे हैं।
कैंसर से लड़ने की हमारी कार्यनीति के तहत एक राष्ट्रीय कैंसर सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस केन्द्र को क्षेत्रीय कैंसर सेंटरों और प्रादेशिक कैंसर सेंटरों से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 27 क्षेत्रीय कैंसर सेंटर पहले ही स्थापित किये गए हैं। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों में oncology प्रभाग बनाने के लिए आर्थिक मदद देकर प्रादेशिक कैंसर सेंटर स्थापित किये गए हैं।
हमारी सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भी कैंसर की रोकथाम करना, बीमारी का शीघ्र पता लगाना तथा उसका इलाज और चिकित्सा करना शामिल है। राज्य सरकारों के सहयोग से राज्य कैंसर संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इस नेटवर्क के हिस्से के रूप में पंजाब के अमृतसर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक राज्य कैंसर संस्थान और होशियारपुर जिला अस्पताल में प्रादेशिक कैंसर उपचार सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय प्राथमिकता स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाना है। यह समावेशी विकास के स्तंभों में से एक है, जो हमारी नीतियों का केन्द्र बिन्दु रहा है। इसका मतलब यह है कि समाज के सभी तबकों को बेहतर और सस्ती दरों पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना, देशभर में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाना, सभी को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराना, चिकित्सा उपचार के लिए बुनियादी ढांचा और सुविधाओं का विस्तार करना, जीवन को खतरे में डालने वाली बिमारियों के लिए अनुसंधान और आधुनिक उपचार को बढ़ावा देना और देश के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल तथा स्वस्थ जीवन-शैली के प्रति जागरूक करना है। मैं आपसे वादा करता हूं कि हमारी सरकार इस दिशा में कोशिश करती रहेगी।
आज का दिन पंजाब के लोगों के लिए एक यादगार दिन है और मैं सभी को बधाई देता हूं। मैं टाटा मेमोरियल सेन्टर और परमाणु ऊर्जा विभाग को उनके द्वारा किये जाने वाले नेक कार्यों के लिए हार्दिक धन्यवाद देता हूं और इस परियोजना के शीघ्र और सफल क्रियान्वयन के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”